मैं देख रहा हिन्दू-मुस्लिम,
दोनों को है प्यारा प्याला;
मन्दिर-मस्जिद सब भूल-भाल,
दोनों मिलकर पीते हाला।
सब झगड़े झंझट मिट जायेंगे,
यारों यदि इतना कर दो;
तुड़वाकर सब मन्दिर-मस्जिद,
खुलवा दो सुन्दर मधुशाला।
Monday, December 21, 2009
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