खूँ की प्यासी तलवारों से,
अच्छा है थाम लेना प्याला;
निदोर्षों का खूँ पीने से तो,
अच्छा है पीना हाला।
पापी पंडित, कठमुल्लाओं से,
है अच्छी साकी बाला;
लोहू लिपटे मन्दिरों-मस्जिदों
से है अच्छी मधुशाला।
Monday, December 21, 2009
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