Monday, December 21, 2009

(१५)

तेरे प्यार में मैं यों पागल हूँ,
सच कहता हूँ ऐ मधुशाले;
मुँह से है निकलता राम-राम,
जब कहता हूँ जय श्री हाले।

जन कहते चरणामृत पीता,
मैं समझ रहा पीता हाला;
सब कहते मैं जाता मन्दिर,
पर मैं जाता हूँ मधुशाला।

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