Wednesday, December 23, 2009

(४८)

तेरे नाम में इतनी मादकता,
सच कहता हूँ हो मतवाला;
है बिता दिया सारा जीवन,
मैंने जप मधु-मदिरा-हाला।

अच्छा ही हुआ मुझको आजीवन,
मिल न सकी मादक हाला;
जाने क्या होता यदि मुझको,
मिल जाती यारों मधुशाला।

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