बुद्ध, कृष्ण, ईशा, पैगम्बर,
बैठे हैं लेकर प्याला;
सब हैं मस्ती में झूम रहे,
पीकर मधु होकर मतवाला।
बाहर लड़ता सारा जग कह,
जय राम, कृष्ण, अल्लाताला;
भीतर प्याला टकराकर चारों,
बोल रहे जय मधुशाला।
Wednesday, December 23, 2009
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